Friday, October 21, 2011

चिंगारी दबेगी नहीं इसलिये
शोलों को हवा दी है सनम
आप नाज़ुक हैं या नाज़ुक है नर्गिस का बदन
अक्सर फूलों से ये जिरह की है सनम
तुम पहले ही कब आए जो इस रात आओगे
फिर भी उम्मीद में सुबह की है सनम
यहाँ संभले वहाँ गिरे जाम पर जाम पिये
कुछ यूँ भी अपने मर्ज की दवा की है सनम
दिल पे तो भरोसा था ही कब
आँखों ने भी बेवफाई की
आपकी तस्वीर अशकों ने मिटा दी है सनम
जब से देखा है आपको रक़ीब के पहलू में
तब से दुश्मन को भी दुआ दी है सनम
आईने से तमाम उम्र छुपते रहे
शीशमहल में रहने वाले
एक छोटी सी खुशी सह न पाये
ज़िंदगी भर दुख सहने वाले
अज़ब चलन है दुनियाँ का यारो
ताउम्र इसे कोसते रहे इसमें रहनेवाले
किस उम्मीद पर तूने बाँधी है उम्मीद
मेरे दोस्त ये मकां तो हैं जल्द ढहने वाले
जब तलक खामोश पीते रहे सब बेखबर थे
रस्म तो निभा रहे हैं तुम्हारे अश्क बहने वाले
तुझ से अच्छी है याद तेरी
हर शाम आ तो जाती है

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कैसे जी पाऊँगा मैं तुझे भूल के
डूबा हूँ बस इसी सवाल में
जब खुद को भूल गया मैं
बस एक तुझे भुलाने के ख्याल में

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एक जान मेरी
सैकड़ों अदायें तेरी
किस-किस पे मरूँ
मुश्किल है मेरी

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सितमगर अपनी वफ़ादारी का
सबूत कुछ यूँ देय है
बात-बात में कहे है
बेवफ़ा मुझ को

Monday, August 8, 2011

PAPA MAT MARO! (PAPA DON’T KILL ME!)

(On 16th May 1994 Times of India, Delhi, reported these last words of a helpless teenaged girl killed by her step father because of his inability to marry her off due to dowry demands way beyond his means)

Oh Papa!
Dear Papa
Mat maro please!
Is it just a far cry?
However far it may be
Nonetheless it is a cry
From your own daughter
Nay step daughter
Papa what mistake is mine
If I am your step daughter
I have always loved you as
My, my own dear Papa
So much so I don’t even know the
Meaning of the word ‘step’
I have always longed for you
I have always looked up to you as my
Darling Papa
Where have I erred in my
Being your daughter
What would you get by killing me?
None of your miseries are due to me
Nor are they even remotely attributable to me
But Papa here I am to share
Your griefs as best and as much
A teenaged daughter can
Papa I love you
As much as I love my mom
I don’t want to ever ever get married
If it burdens you
I want my Papa to be happy, gregarious and
Even proud of his daughter
Oh Papa! Mat maro please.

Friday, July 29, 2011

You once told me
You loved me
Didn't you.?
I definitely did !
I still do.
Love is not a
Fleeting feeling
Love is intense
If it is swayed
with swinging weather
It is not love
It is not intense
It is not love
My love for you cuts accross
The great Time Divide
It is anchor in the
Storm of tenacious life
It is mooring to the wobbly boat
While she is in quiet waters
My love for you cuts across
The great Time Divide
It travels with us
It makes our journey worthwhile
It travelled with me
One birth to another
You might have forgotten
Not me
I loved you in previous birth
And births earlier to that
Cast your same casual yet
Piercing glance
Look in my eyes
Place your palm
Feel your heart
All your questions will be
Answered
Forever
You once told me
You loved me
My love for you cuts across
The great Time Divide

Tuesday, July 26, 2011

उम्र काट दी hamne इसी हसरत में

वो मिलने आएँगे पहली फुरसत में

Thursday, July 7, 2011

मेरा ही खंजर

मेरे सीने में

उतार दिया.

आज उस ने

मेरा कर्ज़

उतार दिया.

तू जिये हज़ारों साल

तुझ पे अपनी जान का

सदका हमने

उतार दिया.

सियासत में शराफत

ढूँढते हो

यहाँ सबने अपना पानी

उतार दिया.

हासिल थी सभी नियामतें

फिर राज़ क्या है ? क्यूँ उसने

अपने भाइयों को मौत के घाट

उतार दिया.

हम अलमस्त रहे

अमीरी हो कि फकीरी

गो एक चोला पहना तो दूसरा

उतार दिया.

ज़िंदगी मेरे पास सही टिकट था सफर का

फिर क्यों कर आधी रात

मुझे जंगल में

उतार दिया.

Friday, July 1, 2011

नशे का कुछ तो ख्याल कर

पी के तो सच बोला कर.

जब न सोते बने, न रोते

करवट-करवट हर रात की सुबह कर.

मरीज़-ए-इश्क़ है

फिलहाल ईज़ाद नहीं इलाज़

कुछ दिन हँसी-खुशी से

गुज़र जाएँ बस इतनी सी दुआ कर.

Monday, June 6, 2011

Thursday, May 26, 2011

तेरे सीने से न सही

मेरे सीने से सही

मगर दिन-रात

उठता है धुआँ.


तक़दीर हम दोनों की

एक सी हमदम

मेरी खुशी धुआँ

तेरा ग़म धुआँ.


ये नसीब का सारा

खेल है ऐ दोस्त

अमीर मरे तो धुआँ

गरीब जिये तो धुआँ.


पिया क्या सिधारे परदेस

रात भर रोती रहीं आँखें

गीली लकड़ियाँ देर तक

देती रहीं धुआँ.


अश्कबार नज़रें यूँ भी

ना देख पातीं

मंजर तेरी जुदाई का

शुक्र है बन के गुबार,दरमियाँ आ गया धुआँ.


इश्क़ की थाह पा सके

ज़माने के बस की बात नहीं

जहाँ तक नज़र जायेगी

पाओगे मुहब्बतों का धुआँ.

Thursday, April 28, 2011

उनके होटों पे सौ सौ ताले
और अपनी चाबी भूल जाने की आदत पुरानी.
कौन जतन रूठी ज़िन्दगी मनाएं
खुशियों की हमसे अदावत पुरानी.
मुहब्बत उनकी तिजारत,
मुहब्बत हमारी ज़ियारत
उनकी शिकायत पुरानी,
हमारी मुहब्बत पुरानी

Tuesday, April 26, 2011

मेरे चेहरे पे हमेशा जो
एक मुस्कान सी लगती है.
बचपन में लगी चोट है जो
एक मुस्कान सी लगती है.


उनसे मुलाक़ात ज़रूर
खुशी की बात होगी
जो भी मिल कर गया, चेहरे पे
एक मुस्कान सी लगती है

ये राज़ आवाम जान नहीं पाया
नेता जीते या हारे,
चेहरे पे
एक मुस्कान सी लगती है

साकी आज तू भी दो घूंट ले
मैं जब भी पीता हूँ
तेरे चेहरे पे
एक मुस्कान सी लगती है

महज़ इतना कहा था
'कल से नहीं पीऊँगा'
महफिल में सभी के चेहरे पे
एक मुस्कान सी लगती है

Friday, March 18, 2011

वादा कर गए थे इन रोती आँखों से, वो आयेंगे,
मौसम सुहाने मेरी बस्ती में, तब से नहीं आते
तुम्हें मेरी गूँगी आँखों का वास्ता, चले भी आओ
अब तो आँसू भी मेरी आँख में कब से नहीं आते