Friday, July 1, 2011

नशे का कुछ तो ख्याल कर

पी के तो सच बोला कर.

जब न सोते बने, न रोते

करवट-करवट हर रात की सुबह कर.

मरीज़-ए-इश्क़ है

फिलहाल ईज़ाद नहीं इलाज़

कुछ दिन हँसी-खुशी से

गुज़र जाएँ बस इतनी सी दुआ कर.

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