नशे का कुछ तो ख्याल कर
पी के तो सच बोला कर.
जब न सोते बने, न रोते
करवट-करवट हर रात की सुबह कर.
मरीज़-ए-इश्क़ है
फिलहाल ईज़ाद नहीं इलाज़
कुछ दिन हँसी-खुशी से
गुज़र जाएँ बस इतनी सी दुआ कर.
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