काली घटाओ ..
उड़ – उड़ के जाओ
पी हैं कहाँ
उनको यहाँ
लेकर के आओ
काली घटाओ...
मेघा तुम रहने दो अभी तो
पी को जरा आ लेने दो
फिर घुमड़ – घुमड़ के आओ
काली घटाओ ..
सनम को आ लेने दो
नयनों से रूप रस पी लेने दो
फिर तुम सखि
मन भर के गाओ
काली घटाओ ..
नयनों के रस्ते करने दो बातें
पी के बिना तुम क्या जानो
कैसे गुजारीं मैंने वो रातें
अब पी तक मेरा संदेशा पहुंचाओ
काली घटाओ ...
उड़ – उड़ के जाओ .
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