ravikikavitayen
Tuesday, October 30, 2012
किस करवट भी सोऊँ ज़ख्मों में दर्द होता है
जहां दिल था कभी वहां टाँकों में दर्द होता है
ये कहां ले आयी मुहब्बत तेरी
?
हर शाम जब तक रोऊँ नहीं आंखों में दर्द होता है
1 comment:
poonam
October 30, 2012 at 4:49 PM
wah, khub....जब तक रोऊँ नहीं आंखों में दर्द होता है
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wah, khub....जब तक रोऊँ नहीं आंखों में दर्द होता है
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