हाय रे वो तेरी मुहब्बत भरी मुस्कान
उदास चेहरे की उदासी ली
इस गरीब से दिल लगा के
दिल की सारी अंधियारी ली
कब रात हुई कब दिन हुआ किसे खबर
तेरी याद ने ऐसी मेरी नींद की सुपारी ली
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