आज भी सपने देखता हूं
चाहे, अनचाहे देखताहूं
बस एक ही सपना है जो सच होता है
कभी ट्रेन छूट जाती है, कभी ग़लत ट्रेन
कभी सही ट्रेन, ग़लत स्टेशन पर उतार देती है
जाने वो सपना कब आयेगा जब सही ट्रेन
सही समय सही स्टेशन पर उतारेगी
और जब तक ये सपना नहीं आता
मैं लौट आऊंगा और फिर सपने देखूंगा
सपने देखता हूं इसलिये मैं जीता हूं
सपने देखता हूं इसलिये मैं हूं
चाहे, अनचाहे देखताहूं
बस एक ही सपना है जो सच होता है
कभी ट्रेन छूट जाती है, कभी ग़लत ट्रेन
कभी सही ट्रेन, ग़लत स्टेशन पर उतार देती है
जाने वो सपना कब आयेगा जब सही ट्रेन
सही समय सही स्टेशन पर उतारेगी
और जब तक ये सपना नहीं आता
मैं लौट आऊंगा और फिर सपने देखूंगा
सपने देखता हूं इसलिये मैं जीता हूं
सपने देखता हूं इसलिये मैं हूं
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