इस दिल की बेताबी, सम्भाले न सम्भली है
जब-जब याद आई वो चाँद सी लड़की दिल्ली की
अचानक मुझे रूबरू पा वो मुस्करा के बोले
“जनाब बहुत दूर तक ले गये आप याद दिल्ली की”
सुन के अमिताभ और शाहरुख के किस्से
यूँ लगा मुम्बई भी गोया अब तो हो गयी
दिल्ली की
भले तबाह हुये, बरबाद हुये हर बार उठ के चल पड़े
मुफलिस हम नहीं, हमारे पास है दौलत दिल्ली की
कितनी बार लुटी है उसे खुद भी याद नहीं
पर दिल से न जा सकी ज़िंदादिली दिल्ली की
No comments:
Post a Comment