ravikikavitayen
Thursday, March 27, 2014
इतनी बढ़ी पानी की तिज़ारत मेरे शहर में
लोग बेचने लगे तरह तरह का पानी मेरे शहर में
तुम बोतल
,
जार टैंकरों पर ताज़्ज़ुब करते हो
देखो बिक रहा आंख का पानी मेरे शहर में
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment