ravikikavitayen
Monday, December 9, 2013
ठुकराये गये हम इतनी दफा कि पत्थर हो गये....
आदमी थे या इंसान ? जो भी थे ! बेहतर हो गये
Thursday, December 5, 2013
मुझको उसकी इबादतों में जगह मिल गई
तुम ढूँढते रहो ! मुझे तो ज़न्नत मिल गई
Wednesday, December 4, 2013
रंज़ ये नहीं, तुम मुझसे मिलने आये
ग़म ये है, ग़मों को फिर से
मिरे घर का रास्ता मिल गया
Monday, December 2, 2013
मेरे महबूब की तिज़ारत(1) है न्यारी (1A)
मुहब्बत के खुदरा(2) सौदागर
शिकायतों में थोक (3) के व्यापारी
1. trade/business 1.A, unique 2. retail 3. wholesale
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