Tuesday, June 11, 2013



मत पूछ मुझसे मेरे वस्ल की बात

हिज्र के शिकवों में गुजर गयी रात

जिंदगी लौटी मायूस उसकी गली से

बिन दुल्हन के जैसे लौट आये बारात

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