सोने के धोखे में पीतल ले आए दोस्तो !
कभी हमसफ़र, कभी रहनुमा, कभी महबूब
दुश्मन कितनी सूरतें बदल के आए दोस्तो !
मैं उम्र भर उसका इंतज़ार करता रह गया
वो जनाज़े पे भी दबे पाँव संभल के आए दोस्तो !
सोने के धोखे में हम तो पीतल ले आए दोस्तो !
कभी हमसफ़र, कभी रहनुमा, कभी महबूब
दुश्मन कितनी सूरतें बदल के आए दोस्तो !
मैं उम्र भर उसका इंतज़ार करता रह गया
वो जनाज़े पे भी दबे पाँव संभल के आए दोस्तो !
सोने के धोखे में हम तो पीतल ले आए दोस्तो !
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