ravikikavitayen
Wednesday, September 19, 2012
कब ये मुहब्बत
करने की बेबसी जायेगी
यारो ! जाते जाते ही होटों से हँसी जायेगी
एक घड़ी को देखा था मैंने उन्हें ख्वाब में
ज़िंदग़ी भर न इन आंखों की मदहोशी जायेगी
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