चिंगारी दबेगी नहीं इसलिये
शोलों को हवा दी है सनम
आप नाज़ुक हैं या नाज़ुक है नर्गिस का बदन
अक्सर फूलों से ये जिरह की है सनम
तुम पहले ही कब आए जो इस रात आओगे
फिर भी उम्मीद में सुबह की है सनम
यहाँ संभले वहाँ गिरे जाम पर जाम पिये
कुछ यूँ भी अपने मर्ज की दवा की है सनम
दिल पे तो भरोसा था ही कब
आँखों ने भी बेवफाई की
आपकी तस्वीर अशकों ने मिटा दी है सनम
जब से देखा है आपको रक़ीब के पहलू में
तब से दुश्मन को भी दुआ दी है सनम
Friday, October 21, 2011
आईने से तमाम उम्र छुपते रहे
शीशमहल में रहने वाले
एक छोटी सी खुशी सह न पाये
ज़िंदगी भर दुख सहने वाले
अज़ब चलन है दुनियाँ का यारो
ताउम्र इसे कोसते रहे इसमें रहनेवाले
किस उम्मीद पर तूने बाँधी है उम्मीद
मेरे दोस्त ये मकां तो हैं जल्द ढहने वाले
जब तलक खामोश पीते रहे सब बेखबर थे
रस्म तो निभा रहे हैं तुम्हारे अश्क बहने वाले
शीशमहल में रहने वाले
एक छोटी सी खुशी सह न पाये
ज़िंदगी भर दुख सहने वाले
अज़ब चलन है दुनियाँ का यारो
ताउम्र इसे कोसते रहे इसमें रहनेवाले
किस उम्मीद पर तूने बाँधी है उम्मीद
मेरे दोस्त ये मकां तो हैं जल्द ढहने वाले
जब तलक खामोश पीते रहे सब बेखबर थे
रस्म तो निभा रहे हैं तुम्हारे अश्क बहने वाले
तुझ से अच्छी है याद तेरी
हर शाम आ तो जाती है
@@@@@@@@@
कैसे जी पाऊँगा मैं तुझे भूल के
डूबा हूँ बस इसी सवाल में
जब खुद को भूल गया मैं
बस एक तुझे भुलाने के ख्याल में
@@@@@@@@@@@
एक जान मेरी
सैकड़ों अदायें तेरी
किस-किस पे मरूँ
मुश्किल है मेरी
@@@@@@
सितमगर अपनी वफ़ादारी का
सबूत कुछ यूँ देय है
बात-बात में कहे है
बेवफ़ा मुझ को
हर शाम आ तो जाती है
@@@@@@@@@
कैसे जी पाऊँगा मैं तुझे भूल के
डूबा हूँ बस इसी सवाल में
जब खुद को भूल गया मैं
बस एक तुझे भुलाने के ख्याल में
@@@@@@@@@@@
एक जान मेरी
सैकड़ों अदायें तेरी
किस-किस पे मरूँ
मुश्किल है मेरी
@@@@@@
सितमगर अपनी वफ़ादारी का
सबूत कुछ यूँ देय है
बात-बात में कहे है
बेवफ़ा मुझ को
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