तारे-सितारे, ग्रह महूरत
सब तो मिलते थे
फिर मुहब्बत जाने कहाँ खो गयी
छत्तीस के छत्तीसों गुन
सब तो मिलते थे
फिर मुहब्बत जाने कहाँ खो गयी
मेला मज़ार मंदिर तीरथ
सब तो मिलते थे
फिर मुहब्बत जाने कहाँ खो गयी
सब तो मिलते थे
फिर मुहब्बत जाने कहाँ खो गयी
छत्तीस के छत्तीसों गुन
सब तो मिलते थे
फिर मुहब्बत जाने कहाँ खो गयी
मेला मज़ार मंदिर तीरथ
सब तो मिलते थे
फिर मुहब्बत जाने कहाँ खो गयी
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