ravikikavitayen
Friday, March 18, 2011
वादा
कर गए थे इन रोती आँखों से, वो आयेंगे,
मौसम
सुहाने मेरी बस्ती में, तब से नहीं आते
तुम्हें
मेरी गूँगी आँखों का वास्ता, चले भी आओ
अब
तो आँसू भी मेरी आँख में कब से नहीं आते
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