ravikikavitayen
Monday, June 15, 2020
तब समय देखने को घड़ी पहनते थे
अब घड़ी दिखाने को घड़ी पहनते हैं
कितने बदल गये हम कुछ बरसों में
अब खुशी नहीं,मुस्कराहट पहनते हैं
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