ravikikavitayen
Thursday, April 11, 2019
वो मेरी बेगुनाही से मुतमईन हो चला था
गुनाहगार साबित करगया मेराबारहा सफाईयां देना
मुद्दत हुई शहर में अब कहीं दिखता ही नहीं
वो एक शख्स जिसने रकम ली थी उधार में
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