ravikikavitayen
Wednesday, February 27, 2019
देख तेरा पर्दा हमने कहाँ कहाँ न रखा
पूछते हैं जब भी लोग "मुहब्बत की है ?"
हम भी मुस्करा के कह देते हैं
" ये मर्ज़ हमने न रखा "
मुहब्बत जो निभाते हैं वो
जान-ए-मन कैसे होते हैं
आप अगर दोस्त हैं तो
हुज़ूर दुश्मन कैसे होते हैं
Monday, February 4, 2019
तुमसे इश्क़ का सोचा ही था
नींद
,
चैन
,
नेकनामी
,
भूख,
दिल
सब चोरी हो गये
मेरे हक़ में गवाह नहीं एक
सुबह
,
शा
म
,
फिज़ा
,
फूल
सब गोरी तेरे हो गये
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