सयानों ने पीढ़ी दर पीढ़ी समझाया
“ जा तो रहे हो उस के नगर
किसी चीज़ को भी छूना मत ”
बस यहीं मात खा गये
देखते देखते कहाँ से कहाँ आ
गये
हर नई पीढ़ी आदम की गलती दोहराती
है
ये हमारे डी.एन ए. में है
“ मैं अपनी गलती खुद करूंगा/करूंगी
“
ये ज़िद हर इंसान की ‘साईकी’ में है